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पीपल की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए? पीपल के पेड़ की कितनी परिक्रमाएं शुभ मानी जाती है ? 

पीपल के पेड़ की परिक्रमा करनी है तो जानना ज़रूरी है की कितने चक्कर काटने हैं और क्यों? 

पीपल की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए ? पीपल के आसपास कितनी बार चक्कर मारने चाहिए? 

पीपल क्यूंकि हमारी भारतीय संस्कृति में पूजनीय है इसलिए 3, 4, 8 एवम 108 परिक्रमाएं इसके इर्द गिर्द, अलग कारणों की वजह से शुभ मानी गयी हैं। 

पीपल की 3 बार परिक्रमा करने का महत्व क्या है? 

सनातन धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व है। पुराणों के अनुसार पीपल श्री विष्णु जी का जीवंत स्वरूप है। श्री विष्णु तीनों लोकों के अधिपति हैं। 

इसलिए कहा जाता है कि पीपल की तीन बार परिक्रमा करने से तीनों लोकों की परिक्रमा करने का पुण्य प्राप्त होता है। माता लक्ष्मी और श्री नारायण की भक्ति करने वाले पीपल की परिक्रमा से लक्ष्मी माता संतुष्ट होती हैं। आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है। 

पीपल की 4 बार परिक्रमा करने की अहमियत को समझें!

विष्णु पुराण के अनुसार श्री विष्णु जी को चतुर्भुज धारी कहा जाता है। चारों भुजाओं में वो शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण किये हुए हैं। 

इसलिए पीपल की चार बार परिक्रमा करना शुभता का प्रतीक माना जाता है। पीपल की प्रदक्षिणा 4 बार करने से महा पुण्य की प्राप्ति होती है। 

पीपल की 8 बार परिक्रमा क्यों करनी चाहिए? 

पीपल के पेड़ की प्रति मंगलवार के दिन एवं जन्म नक्ष्यत्र वाले दिन 8 परिक्रमा करनी चाहिए और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जला कर सुख समृद्धि की कामना कर सकते हैं। परिक्रमा करने के फल स्वरूप जीवन में सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। 

पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करना, शुभ कार्य !

पीपल के पेड़ की  108 परिक्रमा करने से दुर्भाग्य और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों को स्वास्थ्य जनित समस्या रहती है उन्हें पीपल की 108 परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए।  पीपल की 108 बार चक्कर लगाने से अधूरी मन्नते पूरी होती है। 

मुझे आशा है इस लेख से आपको पीपल की कितनी परिक्रमा लेनी चाहिए और उनके धार्मिक महत्व के बारे में सही जानकारी मिल गयी होगी। ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आपका सहृदय धन्यवाद।