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चार पत्ते वाले बेलपत्र का महत्व क्या है? चार पत्ती वाला बेलपत्र शिवजी को चढ़ाने के पीछे महत्व क्या है ?

शिव की आराधना के लिए पूजा के थाली में बेलपत्र रख रहे हैं तो पहले चार पत्ती वाले बेलपत्र के महत्व के बारे में जान लें। 

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चार पत्ते वाले बेलपत्र का महत्व क्या है? चार पत्ती वाला बेलपत्र शिवजी को चढ़ाने से क्या होता है ? 

शिवपुराण में बेलपत्र को सबसे पवित्र माना जाता है। बेलपत्र कई दल के होते हैं, उनमें से चार पत्ती वाला बेलपत्र का एक विशेष महत्व है। चार पत्ते वाले बेलपत्र हिन्दू शास्त्र के अनुसार चार वेदों (ऋग्वेद,यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) का प्रतीक है। बेलपत्र के जितने भी दल की क्यों न हो गंगा जल के साथ शिव जी को चढ़ाया जाए तो सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है। 

चार पत्ते वाले बेलपत्र का महत्व है गहन!

बेलपत्र भगवान शिव के प्रिय है इसलिए भक्ति भाव से उन्हें समर्पित किया जाता है। अपने अंदर के सभी सकारात्मक या नकारात्मक भाव को अंतर्मन से शिव के चरणों में समर्पित करने से ही सारे कष्टों का लाघव होता है। 

चार पत्ते वाले बेलपत्र हिन्दू शास्त्र के अनुसार चार वेदों (ऋग्वेद,यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) का प्रतीक है। हिन्दू शास्त्र में सबसे प्राचीनतम ग्रन्थ यह चार ग्रन्थ है।   

शिव जी को चार पत्ती वाले बेलपत्र चढ़ाने के पीछे महत्व! 

चार पत्ती वाले बेलपत्र को गंगा जल के साथ अगर शिव जी को चढ़ाया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और जीवन में आर्थिक उन्नति के साथ शारीरिक तथा मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। घर में वास्तु दोष दूर होता है। शिव आराधना के समय बेलपत्र चढ़ाने के साथ मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य प्राप्ति होती है।  

मुझे आशा है चार पत्ती वाले बेलपत्र का महत्व क्या है आप जान गए होंगे। मेरे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आपका सहृदय धन्यवाद।